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सुश्री अंकिता पाण्डेय
सुश्री अंकिता पाण्डेय ने अपनी बी.ए.एल.एल.बी. (आनर्स) की उपाधि विधि संकाय इलाहाबाद विश्वविद्यालय से वर्ष 2014 में प्राप्त की। उसके पश्चात उन्होंने अपना एल.एल.एम. ’’मानवाधिकार’’ में विशेषज्ञता के साथ इंडिया विश्वविद्यालय बैंगलोर के विधि विद्यालय से वर्ष 2015 उत्तीर्ण किया। उन्होंने वर्ष 2016 मेंयू.जी.सी. राष्ट्रीय अर्हता जाँच उत्तीर्ण की। उनके पास साइबर कानून में एशियन स्कूल आफ साइबर लाज में पत्रोपाधि भी है, उनके पास इलाहबाद उच्च न्यायालय के माननीय न्यायाधीशों और वरिष्ठ अधिवक्ताओं और ला फर्मो के साथ इन्टर्नशिप करने का अनुभव भी है।
उन्हें दो प्रकाशनों का श्रेय है :
• नया अनुच्छेद विधिक विकास और संबंधित मामलों के अन्तर्राष्ट्रीय जर्नल भाग 1, अंक 4 में प्रकाशित लेख जिसका शीर्षक है : ’’बारहवें पंचवर्षीय योजना के अन्तर्गत बालक के अधिकारों की समीक्षात्मक परीक्षा’’
• विधिक दर्शन के भारतीय जर्नल : भाग 3, अंक 4 में प्रकाशित लेख जिसका शीर्षक है - ’’वैश्विक असमानता और अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार : क्या वैश्विक वितरणशील न्याय का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है’’
वे वर्ष 2016 में विधिक सहभागी के रूप में राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी से जुडीं। राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी से जुड़ने के पूर्व उन्होंने वर्ष 2015 से 2016 तक माननीय न्यायाधिकरण के उच्च न्यायालय में इलाहाबाद में अधिवक्ता के रूप में वकालत की।
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