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सुश्री पैकर नासिर
सुश्री पैकर नासिर ने अपना बी.ए. एलएलबी (आनर्स) राष्ट्रीय विधि संस्थान विश्वविद्यालय भोपाल से पूरा किया। वे राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी से 21 जून 2015 को जुड़ी।
इसके पूर्व वे ग्लोबल लायर्स, एडवोकेट एंड सालिसिटर्स में वरिष्ठ एसोसिएट के रूप में कार्य कर रही थीं जहाँ उन्होंने उपभोक्ता एवं सिविल मामलें और ’डयू डिलिजेंस वर्क’ संभाले।
’ग्लोबल लायर्स’ के पूर्व वे एक एन.जी.ओ. सुधार समिति (सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट के अन्तर्गत एक परियोजना) के सा आपराधिक न्याय प्रणाली में सामाजिक कार्य के ऊपर कार्य कर रही थीं जहाँ कार्यक्रम अधिकारी के प्रारम्भिक रूप जुड़ी। लेकिन बाद में कार्यकारी निदेशक सह फैकल्टी के रूप में कार्य किया। वे सुधार परियोजना की समग्र प्रभारी रहीं। इस हैसियत से उन्होंने कार्यक्रम संबंधी और प्रशासनिक कार्य हाथ में लिए, परियोजना प्रस्ताव तैयार किए, आपराधिक न्याय प्रणाली में शोध कार्य का प्रारूप तैयार किया और संचालन किया। सुधार के साथ की अवधि में उन्होंने विधिक सहायता समर्थन, परिवार समर्थन और पुनर्वास समर्थन सेवाएँ म.प्र. में स्थित विभिन्न जेलों के कैदियों को दी।
सुश्री नासिर ने पहले राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी के साथ वर्ष 2007-2008 में विधि एसोसिएट के रूप में कार्य किया। रा.न्या.अ. में अपने इस ठहराव की अवधि में उन्होंने न्यायालय के पहलुओं और मामला-प्रबन्धन पर किया। सर्वोच्य न्यायालय द्वारा न्यायालयों को और भारत में मामला-बहाव प्रबंधन पर व्यावहारिक सुझाव देने हेतु गठित अनौपचारिक समिति में शोधकार्य किया।
उन्होंने नवनियुक्त अपर न्यायाधीशों के लिए स्थिति निर्धारण कार्यक्रमों का संयोजन किया और राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी की बेबसाइट के लिए वेब मेनेजरों में से एक के रूप में भी कार्य किया।
सुश्री नासिर ने भारत के सर्वोच्य न्यायालय में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और जिला एवं सेशंस न्यायालय भोपाल में अनिवार्य निकासी सेवा (इन्टर्नशिप) एवं लिपिकीय कार्य किया।
प्रकाशन :
शिक्षा के अधिकार की ओर न्यायिक पहुँच - भारत की राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी, ’’न्याय और गरीबी’’ पर संगोष्ठी हेतु अध्ययन सामग्री , न्याय करने में चुनौतियाँ और दायित्व’’ - अगस्त 2007
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